ये कपड़े भी अजीब चीज़ हैं . मतलब इतने अजीब भी नहीं हैं लेकिन कभी-कभी हो जाते हैं . अब जैसे आज की ही बात ले लें . सारे जीन्स मैले पड़े थे तो एक थोडा इज्ज़तदार किस्म के लोगो की पार्टी में पहनने वाला पेंट पहन लिया. कसम खुदा की, क्या जलाया है इस पेंट ने. ज़रा चलो नहीं कि चियूं-चियूं की आवाज़ करता है. बीबी कहती है कि फ़िटिन्ग सही नहीं है तो रगड़ खा रहा है. मेरा ख्याल है कि साला महँगा है तो भाव खा रहा है। मुझे घर मे कैसे पहन लिया, जहाँ एक भी बडा आदमी नहीं है.
सच बताऊ, पहले तो बहुत ही गुस्सा आ रहा था कि उतार फैंकूं ऐसी दो कौडी की पतलून को जो हर कदम पर अपनी मौजूदगी का अहसास कराने इतनी आवाज़ कर रही है, मगर ठीक इसी मौके पर अकल ने काम किया. अपन को भी कौन साला बड़ा आदमी पार्टी में बुला रहा है जो इस पेंट को सम्हाल कर रखें . हर रोज़ घर मे पहन-पहन के साले को उसकी औकात न बता दें. बस इसी खुन्नस मे सुबह से वही वाला पेंट पहने बैठा हूँ . न उस दारी पेंट को चैन है और न मुझे. वह अब भी आवाज़ कर रही है और मै अब भी उसे सबक सिखाने की गरज़ से रगडे जा रहा हूँ . इस सच्चाई के बावजूद कि शायद पेन्ट से ज़्यादा मै तकलीफ़ मे हूँ . पर जी हूँ तो हूँ ! मेरा भी टेसू यही अड़ा है. बाकी आगे जो होगा जी हम देखेंगे . आजकल वैसे भी कोई काम-वाम है नही. ज़माने मे किसी पर ज़ोर चलता नहीं है. सो सारी ज़ोर आज़माई इसी पेंट पर ही न कर देखूं . हो सकता है जगह-जगह हारते-हारते यहीं जीत जाऊं।
ise to sabaq zaroor sikhaiyega.
ReplyDeletewaise ye nakhre patloon ke hain ya...?
अरे वाह! आप भी ब्लौग पर!
ReplyDeleteमजा आएगा आपको पढने में!
अरे वाह! आप भी ब्लौग पर!
ReplyDeleteमजा आएगा आपको पढने में!
Very nice, Mr keswani. Satarical version most interesting for an abstract like your Pant. You and you only can portrait like this.
ReplyDeleteVery nice Mr Keswani. You and you only can portrait such an interesting version for an Abstract item like Pant.
ReplyDeleteI have joined today only.
R.P.Asthana
phir wo pant ki akal thikane aayi ke nahin. kuchh bataiyega.
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